आस तुम्हीं विश्वास तुम्हीं
मम हृदय की खास तुम्हीं
सच्छास्त्रों की पात्र तुम्हीं
दिवा तुम्हीं हो रात्र तुम्हीं
तुम अनन्त व्याकुलता हो
तुम प्रणय की सत पता हो
जीत तुम्हीं हो हार तुम्हीं
गीता का हो सार तुम्हीं !
मम दान आदान तुम्हीं
भूख तुम्हीं मधुपान तुम्हीं
मम हृदय अनन्य तुम्हीं
कृति भू पर धन्य तुम्हीं
यौवन की परिभाषा तुम
याचक की अभिलाषा तुम
भू पर हो श्रृंगार तुम्हीं
गीता का हो सार तुम्हीं !
शोध तुम्हीं प्रबोध तुम्हीं
प्राणों का अनुरोध तुम्हीं
मान तुम्हीं अभिमान तुम्हीं
शब्द तुम्हीं हो तान तुम्हीं
संगीत तुम्हीं मम जीवन की
ठहराव तुम्हीं मेरे मन की
मध्य तुम्हीं हो पार तुम्हीं
गीता का हो सार तुम्हीं !
मम जीवन अनुयान तुम्हीं
विजय तुम्हीं हो शान तुम्हीं
दशा तुम्हीं अवदशा तुम्हीं
होश तुम्हीं हो नशा तुम्हीं
सहर उठा अजान हो तुम
निरवधि दुर्लभ ज्ञान हो तुम
मम स्वप्न बाज़ार तुम्हीं
गीता का हो सार तुम्हीं !
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