Tuesday, May 11, 2010

बगिया



------------------------
कुछ नीम लगे हैं कुछ आम
कुछ महुवे कुछ बेर के पेड़
बैठे हम मकाँ से दूर यहाँ
फिर भी लगे है अपनापन

कुछ पंछी बाजू से गुजरें
कुछ ऊपर कच्चे आम कतरते
घर के नकली खिलौने हैं दूर
इन खिलौनों में है अपनापन

दुपहरिया हो या सांझ सुबह
मौसम एक सा देती बगिया
घर की नकली हवाएं कसैली
इसकी हवा में अपनापन.
-----------------------

No comments:

Post a Comment