Thursday, February 17, 2011

दिलासा (गीत )


न समझो गर तुम मेरे दिल को ,तो तेरे पीछे वफात न करना !
तू   सागर  सा  ले मज़ा  तो , फिर हमें  वर्षात न करना !!

पागलपन  की , की  है  सवारी
हारी  नहीं  और  मेरी   बीमारी
रहम  न चाहिये मुझे जरा कुछ
मंजूर  दर्द  की  रात    गुजारी

सब्र,तमन्ना-ए-दिल सब तोड़ा तुमने, अब तेरी याद की बारात न करना !
तू   सागर    सा    ले  मज़ा  तो , फिर  हमें  वर्षात  न  करना !!

नजर  मिले  तो  गोश  नहीं है
जिन्दा  हूँ मगर  होश  नहीं  है
दिली पंखुड़ी  की  चाह थी  तुम
उसे छोड़, तुम्हें अफ़सोस नहीं है

दूर चली  हो  तो दूर  रहो  अब ,हमें  भी  तेरा   साथ   न   करना !
तू   सागर  सा   ले  मज़ा  तो , फिर   हमें  वर्षात  न   करना !!

दिल  की  मन  पे प्रीत पटी  है
क्या  करने  की  सोच  घटी  है
नाम   चन्द  नजरों  में  धूमिल
टपक  रही  और  मेरी  कुटी  है

हाल-ए-ताहाल तेरे हाल से था मगर, हमें फिर ऐसी हालात न करना !
तू  सागर   सा  ले  मज़ा   तो, फिर  हमें  वर्षात  न  करना !!

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