Wednesday, February 16, 2011

आशिकी का कमाल



हाल पूछने का आपका ख्याल अच्छा है !
बीमार हूँ ,फिर भी कहूँगा कि हाल, अच्छा है !!

उधर लैला की लैल सुर्ख लाल गुजरती है
इधर जिन्दगी मेरी इक सवाल ,अच्छा है !!

मै किसी का असीर-ए-कफस हो गया और
साथी दोस्तों से ,दूरी का भी बवाल अच्छा है !!

एहसानफरामोश के कपड़े की दुकान किस काम की
छलक-ए-आँसू को इक छोटा सा रुमाल अच्छा है !!

इधर मैकशी,रिन्दगी ने खोखला कर दिया है मुझे
उधर वेफिक्र उसका पैकर-ए-जमाल अच्छा है !!

जिन्दगी आशिकी की मुझसे ही चल रही ‘हातिफ’
और मुझे खत्म करने में, आशिकी का कमाल अच्छा है !!

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लैल- रात
असीर-कैदी
कफस-कैद
पैकर-ए-जमाल -हुस्न का एक एक हिस्सा

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