Wednesday, May 18, 2011

जली बस्ती,मिटी हस्ती तेरे पीछे


तेरी आँखों में ...







तेरी  आँखों   में  हया  की  नमी  हो  जाए
तो  शायद  मुझे  तुमपे  यकीं  हो  जाए !!
 
बेकरारी  भले  हो  पर  आऊँगा  तभी  जब
तेरी जुल्फों में जुओं  की कमी  हो  जाए !!
 
बादल    की    अमानत    जमी    से  ही   है
क्या करे बादल जब बेवफा जमी हो जाए !!
 
बेशक   क़त्ल  करो   मेरा  पर डरता  हूँ कि
साँसे तेरी हैं, कत्ल न इनका कहीं हो जाए !!


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