इस आसमानी चन्द्रमा के जाल में
मै जमी पर आसमानी हों गया !
पुष्प पंखुड़ी सा कोमल कभी,
तो कभी तीर कमानी हो गया !
लहू के बादलों का फौज कभी
मोहिनी गीतों का मै मौज कभी
तो कभी पलकों का पानी हो गया,
इस आसमानी चन्द्रमा के जाल में
मै जमी पर आसमानी हो गया !
जिस याद का पुस्तक लिया
जिस प्रेम को मस्तक दिया
प्रतिबिम्ब ही वह गुमानी हो गया,
इस आसमानी चन्द्रमा के जाल में
मै जमी पर आसमानी हो गया !
जीवन भ्रमर भ्रम बाँचती और
राह तवायफ-सी नाचती और
लक्ष्य पतझड़ की कहानी हो गया,
इस आसमानी चन्द्रमा के जाल में
मै जमी पर आसमानी हो गया !
मै जमी पर आसमानी हों गया !
पुष्प पंखुड़ी सा कोमल कभी,
तो कभी तीर कमानी हो गया !
लहू के बादलों का फौज कभी
मोहिनी गीतों का मै मौज कभी
तो कभी पलकों का पानी हो गया,
इस आसमानी चन्द्रमा के जाल में
मै जमी पर आसमानी हो गया !
जिस याद का पुस्तक लिया
जिस प्रेम को मस्तक दिया
प्रतिबिम्ब ही वह गुमानी हो गया,
इस आसमानी चन्द्रमा के जाल में
मै जमी पर आसमानी हो गया !
जीवन भ्रमर भ्रम बाँचती और
राह तवायफ-सी नाचती और
लक्ष्य पतझड़ की कहानी हो गया,
इस आसमानी चन्द्रमा के जाल में
मै जमी पर आसमानी हो गया !
_____________________