Wednesday, June 29, 2011

जबसे ये प्यार था...!!

 



















जबसे  ये प्यार था ,मै लाचार था
दवा   भी  थी  और बीमार था !

वो दिल की दीवारों के उस पार थी
उसे  ढूँढता  मै  इस पार था !

गमो का हर जाम चूमता था यूँ
जैसे सच  में उसका रुखसार था !

वो गैर की है, ये जानता था मगर
न जाने क्यूँ उसी का इन्तजार था !

वो काँटो की डगर,आंधी या तूफाँ
पाने को  उसे  मै  तैयार  था !

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