जबसे ये प्यार था ,मै लाचार था
दवा भी थी और बीमार था !
वो दिल की दीवारों के उस पार थी
उसे ढूँढता मै इस पार था !
गमो का हर जाम चूमता था यूँ
जैसे सच में उसका रुखसार था !
वो गैर की है, ये जानता था मगर
न जाने क्यूँ उसी का इन्तजार था !
वो काँटो की डगर,आंधी या तूफाँ
पाने को उसे मै तैयार था !
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