Monday, March 15, 2010

क्या है ये जिन्दगी,,क्या होनी चाहिए जिन्दगी

इस जिन्दगी में क्या है जो
कोई किसी के बहाने जीता है
तो कोई खुद के लिए,
शोहरत कमाया उनके खातिर
और गम खुद के लिए ;
कोई नल पे जाता है तो कोई मैखाने
कोई ख़ुशी में पागल है तो
कोई गम में झूम रहा,
कोई रेस्तरां जा रहा है
तो कोई बोतलें चूम रहा;
क्या है ये जिन्दगी
क्या होनी चाहिए जिन्दगी
कोई बताने वाला है क्या,
कैसे भी जीना पसंद है हमें
पर कोई मरने वाला है क्या;
कहीं मन मजबूत है
तो कहीं मोम सा पिघला
कोई सिकंदर होना चाहता
तो कोई बुद्ध क्यूँ,
जिन बातों से जीत होनी
फिर लोग उसके बिरुद्ध क्यूँ.

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